NATIONAL FOOD SECURITY ACT,2013 FULL TEXT

रोजी रोटी अधिकार अभियान यात्रा का चौथा दिन

भूख और कुपोषण मुक्त राजस्थान के लिए खाद्य अधिकार यात्रा को लेकर भीम के तेजाजी चौक में भव्य सम्मेलन

आज दिनांक 4 अक्टूबर, 2012 को राजस्थान राज्य में चल रही भूख और कुपोषण मुक्त राजस्थान के लिए खाद्य यात्रा को लेकर मजदूर किसान शक्ति संगठन के नेतृत्व में भीम के तेजाजी चौक में भव्य सम्मेलन आयोजित हुआ। इस यात्रा में पी.यू.सी.एल. की महासचिव कविता श्रीवास्तव, रोजी-रोटी अधिकार संदर्भ केन्द्र के अशोक खण्डेलवाल, श्योर संस्थान के विक्रम एवं अन्य यात्री मौजूद थे। 

पी.यू.सी.एल. की महासचिव कविता श्रीवास्तव ने कहा कि राजस्थान प्रदेश में भूखमरी व कुपोषण की समस्या अत्यन्त गंभीर है। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे, 2008 के अनुसार हर दो बच्चे में से एक बच्चा कुपोषित पैदा होता है। हर तीन औरतों में से दो औरतों में खून की कमी है एवं हर तीन वयस्क में एक वयस्क कुपोषित है। दुर्भाग्य से इस गंभीर समस्या को लेकर ना केन्द्र सरकार और ना ही राज्य सरकार चिन्तित दिखाई देती है। आंगनवाडी, मध्यान्ह भोजन, राशन व्यवस्था जिसमें कुछ लोगों को केवल अनाज मात्र दिया जाता है आदि कार्यक्रमों से जन खाद्य सुरक्षा नहीं हो सकती है। रोजी रोटी अधिकार अभियान राजस्थान की यह दृढ मान्यता हैं कि प्रदेश की जनता की प्रभावी भोजन सुरक्षा हेतु एक स्थानीय उत्पादन, संग्रहण, भंडारण एवं वितरण की व्यवस्था स्थापित करना आवश्यक हैं। इस संर्दभ में यह भी नितांत आवश्यक है कि जल, जगंल और जमीन के उपयोग हेतु प्रथम वरीयता भोजन-सामग्री के उत्पादन को दी जाय, पंचायत समिति स्तर पर गोदाम बनाये जाये एवं राशन व्यवस्था में प्रभावी वितरण हेतु वांछित सुधार किए जाएं। 

रोजी-रोटी संदर्भ केन्द्र के अशोक खण्डेलवाल ने कहा कि प्रभावी भोजन सुरक्षा नीति के अभाव एवं आधे-अधूरे कार्यक्रमों के फलस्वरूप एक ओर जनता भूख और कूपोषण से ग्रसित है वहीं दूसरी ओर अनाज सड़ रहा है, उसे रियायतों दरों पर जानवरों के लिए विदेशों को निर्यात किया जा रहा है। दर्दनाक सच्चाई यह है कि इस वक्त देश के एफ.सी.आई. गोदामों में 8 करोड टन से भी ज्यादा अनाज रखा हुआ है जो खरीफ की फसल के बाद दिसम्बर तक बढ़कर 10 करोड टन होने वाला है । सवाल यह है कि जब देश के गोदाम भरे हुये है तो बडे पैमाने में बच्चे, बूढे एवं वयस्क भूखे क्यो है? क्या गोदामों मे अनाज को रखे रखने, और सडाने से बडा कोई अपराध हो सकता है? इस सरकारी अन्याय के होते हुए देश की संसद मौन क्यो है? वक्त आ गया है कि इस देश की गरीब जनता अपनी चुप्पी तोडे और हक से मांग करे कि यह अनाज देश की जनता को दिया जाये। 

श्योर संस्थान के विक्रम ने कहा कि दूसरी ओर देश में बढती मंहगाई से खाद्यान की कीमतें बाजार में निरन्तर बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में डीजल एवं पेट्रोल की कीमतो में बेशुमार बढ़ोतरी से जीवन यापन की आधारभूत चीजों को प्राप्त करना अब आम व्यक्ति के लिए मुश्किल हो गया है। इससे शहर -गांव सभी जगह के गरीब तथा निम्न मध्यम व मध्यम वर्ग पर भी रसोई व चूल्हे का संकट गंभीर होता जा रहा है। 

वागड मजदूर संगठन के डेविड ने सभी धन्यवाद देते हुए कहा कि राजस्थान में यह यात्रा प्रदेश में बनी हुई चुप्पी को तोडने एवं पूरे प्रदेश में माहौल बनाने के लिए तथा जनता की निम्न न्यायपूर्ण मांगों के सर्मथन में निकाली जा रही है। उद्देष्य भारत सरकार से राजस्थान की जनता के हक का अनाज उपलब्ध करवाने व खाद्य सुरक्षा को लेकर व्यापक नीति बनवाने का भी है। 

हम हैं:-

अशोक खण्डेलवाल, भँवर सिंह, श्याम जी, कविता श्रीवास्तव, खेमराज, विजय लक्ष्मी जोशी, अरविन्द ओझा, प्रेम रंजन, नरेन्द्र सिंह, कोमल श्रीवास्तव, मेवा भारती, सतीश, पी.एल. मीमरोठ, दिनेश व्यास, लता कच्छावा, नूर मोहम्मद, आलोक सुक्ला, चन्द्रकला, लाली, कैलाश मीणा, रिचा, सरीता, मंजू, राखी, भँवर लाल कुमावत, इत्यादि। 

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