आदिवासी बहुल बडवानी जिले में स्वास्थ कार्यकर्ताओं पर दमन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। आज एक नाटकीय घटना क्रम में जागृत आदिवासी दलित संगठन की प्रमुख कार्यकर्ता माधुरी बहन ने, सन 2008 में दर्ज एक मामलें में जमानत लेने से इनकार कर दिया।उन्होंने बडवानी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में महात्मा गाँधी के चित्र को नमन करते हुए मजिस्ट्रेट से कहा कि "महात्मा गाँधी ने कहा था कि गुलाम देश के स्वतंत्र नागरिक की जगह जेल ही है, अतः वे भी उनके इस वाक्य का पालन करते हुए, बजाय जमानत लेने के, जेल जाने का चुनाव कर रही हैं।इस पर उन्हें ३ मई तक खरगोन जेल भेज दिया गया।ज्ञातव्य है की बडवानी में महिला जेल नहीं है
गौर तलब है कि आज नवम्बर 2008 में जिले के मेनिमाई प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में ग्राम सुखपुरी की बानिया बाई पति इडिया से सम्बंधित मामले की सुनवाई थी। .इसमें आंदलन के कार्यकर्ताओं पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया गया था।इस मामले में बानिया बाई अपने सास-ससुर के साथ प्रसव हेतु बैलगाड़ी से मेनिमाई आई थी। वहाँ पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।पर कम्पाउनडर ने बजाय उन्हें बडवानी या अन्यत्र पहुंचाने के बजाय स्वास्थ केंद्र से बाहर निकाल दिया। महिला घुटने के बल चलती हुई चौराहे तक आई और वहाँ उनके ससुर ने अपनी धोती उतार कर आड़ कर के उसका प्रसव कराया था।इस दौरान महिला का पति साथ में नहीं था। माधुरी बहन और उनके साथी वहाँ से गुजर रहे थें।उन्होंने एम्बुलेन्स बुलाई एवं महिला को अस्पताल भिजवाया। लेकिन कम्पाउनडर ने शासकीय कार्य में बाधा डालने की पुलिस रिपोर्ट कर दी।
Hindi press note regarding the arrest of Madhri |
आज पुलिस ने न्यायालय में उक्त प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। लेकिन मजिस्ट्रेट ने इसे त्रुटिपूर्ण माना एवं जिला पुलिस अधीछक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की। .यह भी महत्वपूर्ण है कि कल ही मध्य प्रदेश ऊँच न्यायालय के इंदौर खंड पीठ ने माधुरी बहन और एवं संगठन द्वारा जिले की स्वास्थ स्थिति का वर्णन करने के बाद माननीय न्यायमूर्ति ने भी शाषन के खिलाफ तल्ख़ टिप्पणियाँ की थी
बडवानी जिले में प्रति माह २ से ३ महिलाओं की मृत्यु जिला अस्पताल में हो जाती है। साथ ही जिले की स्वास्थ स्थिति ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन की पोल खोल दी है।बडवानी के अनेक संगठनों ने पुलिस व प्रशाशन के इस इस मिली भगत की आलोचना की है तथा खात्मा रिपोर्ट की त्रुटियाँ समाप्त कर उसे तुरंत न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा है।