NATIONAL FOOD SECURITY ACT,2013 FULL TEXT

तुम्हारा प्रिय जनकल्याणकारी राज्य


तुम मंहगाई से क्यों डरते हो,
तुम आलू, प्याज, दाल सब्जी थोडे खाते हो,
बेरोजगार हो, बने रहो / रोज़गार तो गुलामी है
गुलामी की मांग क्यों करते हो,
तुम तो उम्मीदें खाते हो न
उम्मीदों की कीमतें थोड़ी बढ़ रही हैं
उम्मीदें तो भरी पड़ी हैं भारत में,
डाक्टर और अस्पताल सब मिथ्या है
तुम्हे दवाओं के नहीं दुआओं की जरूरत है,
व्यर्थ हमारे खिलाफ बुरी भावनाएं पैदा करके
क्यूँ अपना इहलोक बिगाड़ रहे हो,
तुम क्या लाये थे, जो तुमने खो दिया है,
जो हम लूट रहे हैं, वह तुम्हारा थोड़ी था,
जमीन और जंगल तो माया है
तुम इसमे मत उलझो,
अधिकार, संविधान, संसद / ये सब भी भ्रम है,
इसको जानो और त्याग दो इस भ्रम को,
पानी की प्यास के बारे में मत सोचो
जनकल्याण का नारा छोड़ो / आत्मा की प्यास बुझाओ
और उसका कल्याण करो,
बस वही अंतिम सत्य है / और तुम्हारी हैसियत भी,
सरफरोशी की तमन्ना अपने दिल से निकाल दो
तुम कातिल की बाजुओं का जोर संभाल नहीं पाओगे,
वह तुम्हारा विश्वास खा-खा कर मज़बूत हुआ है,
थोडा कहा है, ज्यादा समझना / इसी में तुम्हारी भलाई है,

-----तुम्हारा प्रिय जनकल्याणकारी राज्य